भले ही किसी गैर की जागीर थी वो ❤❤❤❤❤❤❤ भले ही किसी गैर की जागीर थी वो, पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो, मुझे मिलती तो कैसे मिलती, किसी और के हिस्से की तकदीर थी वो। ❤❤❤❤❤❤❤
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